सचिव की कलम से

हमारे देश में महिलाओ की जनसँख्या दिन-प्रतिदिन घटती जा रही है| हालाकिं अभी समय रहते इनकी विलुप्त होती आबादी को काबू में किया जा सकता है | अन्यथा एक वक्त ऐसा आयेगा जिसमें लिंक-भेद की जड़ता के कारन एक अद्भुत विकराल स्थिति पैदा होगी जो समाज के लिए काफी सोचनीय एवं निंदनीय है| Read More